आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आज के समय में तेजी से विकसित होने वाली तकनीक है, जो हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों तक, हर जगह इस्तेमाल हो रही है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारें में बेसिक जानकारी जैसे की ए आई क्या है, कैसे काम करती है और उसका उपयोग कहा होता है, जानने के लिए क्लिक करें –
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारे जीवन के लगभग हर पहलू को प्रभावित कर रहा है।
AI, AI, AI हर जगह सुनाई देता है। चाहे वो स्मार्टफोन में वॉयस असिस्टेंट हो या फिर सोशल मीडिया पर पर्सनलाइज्ड विज्ञापन।
एआई का मुख्य उद्देश्य मशीनों को इस काबिल बनाना है कि वे इंसानों की तरह सोच सकें, समझ सकें और निर्णय ले सकें।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि एआई के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं?
हर एआई सिस्टम एक ही तरह से काम नहीं करता।
आइए, तो AI के कितने प्रकार हैं और वे कैसे काम करते हैं, इसे सरल भाषा में समझते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार
तीन मुख्य श्रेणियां
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) या कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक बहुत ही विस्तृत क्षेत्र है और इसे कई अलग-अलग तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है।
आमतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रकारों को उनके क्षमताओं और विकास के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
इन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है:
- तकनीकी क्षमताओं के आधार पर
- कार्य करने के तरीके के आधार पर
- अन्य वर्गीकरण
तीन श्रेणियों में आने वाले AI प्रकार
अब इन तीन श्रेणियों में कौन कौन से प्रकार के ए आई आते है, वह देखते है –
- तकनीकी क्षमताओं के आधार पर
- नैरो AI या वीक, संकीर्ण, कमजोर AI (Narrow or Weak AI)
- सामान्य AI (General AI)
- सुपरइंटेलिजेंस
- कार्य करने के तरीके के आधार पर
- प्रतिक्रियाशील मशीनें (Reactive Machines)
- सीमित स्मृति वाली मशीनें (Limited Memory Machines)
- मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित मशीनें (Theory of Mind Machines)
- स्वयं जागरूक मशीनें (Self-Aware Machines)
- अन्य वर्गीकरण में
- मशीन लर्निंग
- डीप लर्निंग
- नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP)
- कंप्यूटर विजन
आइये, अब प्रत्येक AI के प्रकार के बारें में संक्षिप्त में समझते है।
नैरो एआई (Narrow AI) या वीक एआई (Weak AI):
यह AI का सबसे आम प्रकार है जो किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह केवल उन्हीं कार्यों को कर सकता है जिनके लिए इसे डिज़ाइन किया गया है, अर्थात यह एक विशिष्ट कार्य या सीमित डोमेन में विशेषज्ञ होता है।
जैसे कि चेहरा पहचान, भाषा अनुवाद, या ऑनलाइन खरीदारी के लिए सिफारिशें देना।
नैरो ए आई के कुछ उदाहरण है , वर्चुअल असिस्टेंट (जैसे सिरी, गूगल असिस्टेंट), चैटबॉट्स, स्पैम फिल्टरिंग सिस्टम्स, सिफारिश करने वाले सिस्टम (जैसे नेटफ्लिक्स या अमेज़न के रिकमेंडेशन) आदि।
इस एआई सिस्टम का लिमिटेशन यह है की यह केवल एक ही कार्य में कुशल होते हैं और इसका उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जा सकता।
जनरल एआई (General AI) या सामान्य AI
स्ट्रांग एआई (Strong AI): यह वह AI है जो मनुष्यों की तरह ही सोचने, सीखने और समझने में सक्षम होगा। यह अभी तक एक काल्पनिक अवधारणा है, लेकिन शोधकर्ता इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
जनरल एआई वह प्रकार का एआई होता है जो किसी इंसान की तरह सोचने और समझने में सक्षम हो। यह विभिन्न प्रकार के कार्यों को समझ सकता है और नए कार्यों को भी सीख सकता है।
यह निर्णय लेने, समस्या सुलझाने, और सामान्य बुद्धिमत्ता के स्तर पर काम कर सकता है, लेकिन अभी तक ऐसा एआई पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है।
उदाहरण: अभी तक जनरल एआई का कोई व्यावहारिक उदाहरण नहीं है। यह AI अनुसंधान के क्षेत्र में एक लक्ष्य है।
सुपर इंटेलिजेंस (Superintelligence):
यह AI का एक काल्पनिक रूप है जो मनुष्यों से अधिक बुद्धिमान होगा और सभी क्षेत्रों में मनुष्यों को पार कर जाएगा।
यह वह स्तर है जब एआई इंसानों की बुद्धिमत्ता से भी आगे बढ़ जाता है। इसे अभी तक केवल काल्पनिक या भविष्य के संदर्भ में देखा जाता है।
यह हर क्षेत्र में मानव से अधिक बुद्धिमान होगा, जैसे कि वैज्ञानिक खोज, कला, रचनात्मकता, और सामाजिक समझ।
उदाहरण: सुपर इंटेलिजेंस वर्तमान में केवल थ्योरी में है और इसका अभी तक कोई वास्तविक उदाहरण नहीं है। इसे भविष्य के लिए एक संभावना माना जाता है।
अन्य श्रेणियां
रीएक्टिव मशीन (Reactive Machines)
ये मशीनें वर्तमान स्थिति के आधार पर ही निर्णय ले सकती हैं और भविष्य के बारे में सोचने में सक्षम नहीं होती हैं।
अर्थात ये एआई सिस्टम केवल वर्तमान परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया करते हैं। इनके पास पिछली जानकारी का कोई ज्ञान नहीं होता है।
IBM का Deep Blue मशीन इसका एक उदाहरण है, जिसने शतरंज में विश्व चैम्पियन गैरी कास्पारोव को हराया था।
लिमिटेड मेमोरी (Limited Memory):
लिमिटेड मेमोरी मशीन यानी की सीमित स्मृति वाली मशीन
ये मशीनें पिछले अनुभवों को याद रखकर, पिछली जानकारी को स्टोर करके और उनका उपयोग करके भविष्य के निर्णय लेने में सक्षम होती हैं
सेल्फ-ड्राइविंग कारें इसका एक उदाहरण है, जो अन्य वाहनों की गति और दिशा का ध्यान रखती हैं और फिर ड्राइविंग के समय उस जानकारी का उपयोग करती है।
थ्योरी ऑफ माइंड (Theory of Mind):
मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित मशीनें: यह एक उन्नत प्रकार का एआई है जो यह समझ सकेगा कि अन्य व्यक्तियों की भावनाएं, विचार और इच्छाएं क्या हो सकती हैं। यह एआई अभी भी विकास के प्रारंभिक चरण में है।
सेल्फ-अवेयर एआई (Self-aware AI):
स्वयं जागरूक मशीनें: यह एआई खुद की समझ रखेगा और खुद को एक स्वतंत्र इकाई के रूप में पहचान सकेगा। यह अभी तक सैद्धांतिक है। ये मशीनें स्वयं के बारे में जागरूक होंगी और अपनी भावनाओं और इरादों को समझेंगी।
इन सभी प्रकारों का विकास अलग-अलग चरणों में हो रहा है, लेकिन नैरो एआई आज के समय में सबसे आम और व्यावहारिक रूप है।
निष्कर्ष
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे समझना और जानना जरूरी है, ताकि हम इसके लाभ उठा सकें और इसके संभावित खतरों से भी अवगत रहें। AI का भविष्य उज्जवल है, और यह हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनने जा रहा है।